महानगरपालिका चुनाव: ठाणे में सीट बँटवारे पर फंसा पेंच: नहीं बन पा रही बीजेपी-शिवसेना (शिंदे) के बीच बात

🎧 Listen:

 महानगरपालिका चुनाव: ठाणे में सीट बँटवारे पर फंसा पेंच: नहीं बन पा रही बीजेपी-शिवसेना (शिंदे) के बीच बात

महाराष्ट्र महानगरपालिका चुनावों को लेकर विपक्षी दल ही सीट बँटवारे को लेकर परेशानी का सामना नहीं कर रहे हैं, अपितु सत्तापक्ष भी असमंजस का सामना कर रहा है. पुणे में अजीत पवार और शरद पवार के बीच समझौते के बाद अब


ठाणे महानगरपालिका चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच सीट बंटवारे को लेकर तनाव बना हुआ है। कई दौर की बैठकों और बातचीत के बावजूद दोनों दल किसी ठोस सहमति पर नहीं पहुंच सके हैं। सीट शेयरिंग पर अटकी इस खींचतान का असर चुनावी तैयारियों पर भी दिखने लगा है और प्रचार अभियान में देरी हो रही है।


सीट बंटवारे पर क्यों नहीं बन रही सहमति?


ठाणे को एकनाथ शिंदे का मजबूत गढ़ माना जाता है। ठाणे महानगरपालिका में कुल 131 सीटें हैं। बीजेपी की मांग है कि उसे शहर में 40 से 45 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए। हालांकि शिंदे गुट की शिवसेना इतनी सीटें देने के पक्ष में नहीं है। सूत्रों के अनुसार शिवसेना (शिंदे) बीजेपी को 25 से 30 सीटों से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं है। इसी बात को लेकर दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है।


बीजेपी की ज्यादा सीटों की मांग का क्या है आधार?


बीजेपी का कहना है कि ठाणे में उसकी राजनीतिक पकड़ पहले के मुकाबले मजबूत हुई है, इसी वजह से पार्टी अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहती है। लेकिन सीट बंटवारे का मसला सुलझ न पाने के कारण दोनों सहयोगी दलों के चुनाव प्रचार की रफ्तार भी प्रभावित हुई है। हालात को देखते हुए अब दोनों पार्टियों ने अलग-अलग प्रचार शुरू कर दिया है।


पोस्टर वार से मिले सियासी संकेत


ठाणे में जहां एक ओर सांसद श्रीकांत शिंदे की नुक्कड़ सभा प्रस्तावित है, वहीं बीजेपी ने शहरभर में ‘नमो भारत नमो ठाणे’ के पोस्टर लगा दिए हैं। इन पोस्टरों में भगवा रंग की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखाई दे रही है, जिसमें वे भगवा शॉल ओढ़े नजर आ रहे हैं। पोस्टर अभियान को सियासी संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।


मराठी अस्मिता बनाम हिंदुत्व का मुद्दा


गौरतलब है कि ठाणे मराठी बहुल क्षेत्र है। इस इलाके में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे मराठी अस्मिता को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं, जबकि बीजेपी अपने प्रचार में हिंदुत्व को केंद्र में रखने की कोशिश कर रही है।


वोटिंग और नतीजों की तारीख तय


महाराष्ट्र में नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव हाल ही में संपन्न हो चुके हैं, जिनमें महायुति को बड़ी सफलता मिली थी। अब अगला चरण महानगर पालिकाओं के चुनाव का है। मुंबई, पुणे और ठाणे सहित राज्य की 29 बड़ी महानगर पालिकाओं के लिए मतदान 15 जनवरी को होगा, जबकि मतगणना और नतीजों की घोषणा 16 जनवरी को की जाएगी।


📝 Summary:
Generating summary...