उन्नाव रेप मामला: कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाई
By Tropic Reporters — Tuesday, December 30, 2025
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उन्नाव रेप मामला: कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाई
उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए जा चुके पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सेंगर को सजा निलंबित करते हुए जमानत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि सेंगर को फिलहाल जेल से रिहा नहीं किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी करते हुए यह आदेश दिया। अदालत ने कहा कि मामले में कानून से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं, जिन पर विस्तृत सुनवाई जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आमतौर पर किसी दोषी या विचाराधीन कैदी को हाईकोर्ट या निचली अदालत से जमानत मिलने के बाद बिना उसे सुने उस आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती। लेकिन इस मामले में परिस्थितियां अलग हैं, क्योंकि कुलदीप सिंह सेंगर एक अन्य मामले में भी दोषी ठहराए जा चुके हैं और उस केस में वह पहले से हिरासत में हैं। इसी वजह से अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत आदेश के संचालन पर रोक लगा दी और स्पष्ट किया कि सेंगर उस आदेश के आधार पर रिहा नहीं होंगे।
अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता को अलग से विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर करने का वैधानिक अधिकार है और इसके लिए उन्हें कोर्ट से अलग अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। अगर पीड़िता को मुफ्त कानूनी सहायता की आवश्यकता होगी तो सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी उन्हें सहायता उपलब्ध कराएगी।
जमानत के खिलाफ पीड़िता की पहल
इससे पहले, शनिवार को रेप पीड़िता ने दिल्ली स्थित सीबीआई कार्यालय पहुंचकर कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई जमानत के खिलाफ आवेदन सौंपा था। 23 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सशर्त जमानत दिए जाने के बाद से ही इस फैसले को लेकर विरोध और असंतोष सामने आ रहा था।
क्या है पूरा मामला
कुलदीप सिंह सेंगर को साल 2019 में एक विशेष सीबीआई अदालत ने उन्नाव जिले में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह मामला देशभर में सुर्खियों में रहा था, जिसमें पीड़िता और उसके परिवार ने सेंगर और उनके सहयोगियों पर लगातार उत्पीड़न और धमकी देने के आरोप लगाए थे।
इसके अलावा, सेंगर एक अन्य मामले में भी दोषी हैं। साल 2020 में पीड़िता के पिता की संदिग्ध मौत से जुड़े मामले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई थी, जो गैर-इरादतन हत्या से संबंधित है। इस केस में भी वह सजा काट रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद यह साफ हो गया है कि कुलदीप सिंह सेंगर को फिलहाल किसी भी राहत का लाभ नहीं मिलेगा और वह जेल में ही रहेगा।
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